धारणाधिकार (लियन) (Lien) -
लियन (Lien) की परिभाषा के अनुसार - यह किसी सरकारी कर्मचारी, चाहे वह स्थायी हो अथवा अस्थायी, की अनुपस्थिति की अवधि के तत्काल अथवा अनुपस्थिति की अवधि समाप्त होने पर पद धारण करने के अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है।
(i) केंद्र सरकार के किसी अन्य विभाग/कार्यालय/राज्य सरकार में नियुक्त कोई स्थायी सरकारी सेवक यदि 2 वर्ष की अवधि या आपवादिक मामलों में 3 वर्ष की अवधि के भीतर अपने मूल विभाग में वापस नहीं आता तो उसे अपने मूल विभाग से त्यागपत्र देना होगा। उसका आवेदन अन्य विभागों/कार्यालयों में अग्रेषित करते समय उससे उपरोक्त आशय का वचन नए सिरे से लिया जा सकता है।
(ii) आपवादिक मामले तब हो सकते हैं जब सरकारी कर्मचारी को 2 वर्ष की अवधि के भीतर उस विभाग/कार्यालय में स्थायी नहीं किया जाता है, जिसमें उसने कार्यभार ग्रहण किया है। ऐसे मामलों में उसे मूल विभाग/कार्यालय में और एक वर्ष के लिए धारणाधिकार बनाए रखने की अनुमति दी जा सकती है। ऐसी अनुमति प्रदान करते समय, ऊपर इंगित किए गए नियम के अनुसार नए सिरे से उस कर्मचारी से वचन लिया जा सकता है।
(iii) 2/3 वर्षों की निर्धारित अवधि को पूरा करने पर कर्मचारियों का उनके मूल संवर्ग में विस्तार/प्रत्यावर्तन/त्यागपत्र सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे मामलों में जहां कर्मचारी अनुदेशों का पालन नहीं करते हैं तो उपर्युक्त (i) और (ii) के अनुसार तथा उनके धारणाधिकार को समाप्त करने के लिए उनके द्वारा किए गए करार/शपथ का उल्लंघन करने के लिए उनके विरूद्ध उपर्युक्त कार्रवाई की जानी चाहिए। तथापि, ऐसे किसी विचारण से पूर्व अधिकारी को यथोचित अवसर दिया जाए।
(iv) बाहरी पदों पर चयन हो जाने के मामले में अस्थायी सरकारी कर्मचारियों को सरकार से संबंध समाप्त करना होगा। ऐसे मामलों में कोई धारणाधिकार नहीं रखा जाएगा।
किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा किसी पद पर धारणाधिकार प्राप्त कर लेने पर उसका किसी अन्य पद पर पूर्व में प्राप्त किया गया कोई भी धारणाधिकार समाप्त हो जाएगा।
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