समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2023-24 के सम्बन्ध में शिक्षा मंत्रालय, भारतसरकार द्वारा प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक / उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों को नामांकन केआधार पर 05 श्रेणी में वर्गीकृत करते हुये कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की स्वीकृति प्रदान की गयी है।कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु स्वीकृत धनराशि बजट प्राप्त होते ही संलग्न विवरण के अनुसार शीघ्र ही प्रेषित की जायेगी (संलग्नक-1 )।
कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि के उपभोग करने के सम्ब्ध में निम्नवत् निर्देश निर्गत किये जाते हैं-
- कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि विद्यालय प्रबन्ध समिति के खातों में श्रेणी के अनुसार हीहस्तान्तरित की जायेगी, जिसका व्यवहरण अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव (प्रधानाध्यापक) के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा। इस सम्बन्ध में शासनादेश संख्या 2223/79-6-2012-29/99टी०सी०- ।। दिनांक 06 जुलाई, 2012 के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। आवटितधनराशि का उपभोग निम्नलिखित दिशा-निर्देशों के अधीन विद्यालय प्रबन्ध समिति केअनुमोदनोपरान्त किया जायेगा
- निपुण भारत के लोगो की पेन्टिंग कार्य हेतु विद्यालय भवन की ऐसी दीवार का चयन किया जाये, जो जनसामान्य हेतु प्रथम दृष्ट्या दृश्यमान हो। लोगो की पेन्टिंग की माप 45 से०मी०चौड़ा एवं 60 से०मी0 ऊॅँचे आयताकार आकार में होगी। इस प्रयोजनं हेतु प्रत्येक विद्यालय मेंलोगो की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
प्रत्येक विद्यालय में भवन की दीवार पर कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट के मद में उपलब्ध एवं व्यय होनेवाली धनराशि का वर्षवार एवं मदवार विवरण पेन्ट कराया जायेगा।
कमपोजिट स्कूल ग्राण्ट से क्रय की जाने वाली सामग्री के बिल बाउचर की पफोटो तथा करायेजाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में कार्यथ से पूर्व तथा कार्य के पश्चात् की फोटो प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप पर अपलोड की जायेगी।
अनुमन्य कार्यः- वरीयता क्रम में निम्नवत् कार्य अनुमन्य होंगेः-
- कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु स्वीकृत धनराशि में से न्यूनतम 10 प्रतिशत धनराशि स्वच्छताअभियान/ कार्यक्रम पर व्यय हेतु निर्धारित है, जो विद्यालय भवन, परिसर एवं छात्रों की स्वच्छता परव्यय की जायेगी। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि, विद्यालय में स्वच्छता सानग्री यथा ट्वायलेट क्लीनर, फिनायल, साबुन, चूना, झाडू, डस्टिंग क्लॉथ, नेलकटर, हैण्डवॉश, सैनिटाइजर इत्यादि अनिवार्य रूप से वर्षपर्यन्त आवश्यकतानुसार उपलब्ध रहे।
- विद्यालय के ऐसे शौचालय / मत्रालय जो छोटी-छोटी मरम्मत / छोटे -छोटे कार्य, यथा- शौचालयशट/ यूरनल पाट में टूट-फूट, 1each-pit निर्मित न होने अथवा कम गहरा होने आदि के कारणअक्रियाशील हैं, उनमें उक्त कार्यों को कराकर उनके क्रियाशील कराया जायेगा। यदि शाचालय मेंटाइलीकरण का कार्य नहीं हुआ है, तो इसे अनिवार्य रूप से पूर्ण करा लिया जाये।० परिषदीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के उपयोगार्थ उपलब्ध कराये जा रहे टेबलेट्स के संचालनार्थ सिम कार्ड एवं इण्टरनेट की सुविधा (माह नवम्बर, 2023 से मार्च, 2024 तक) हैतु कॉम्पोजित स्कूल ग्राण्ट से किया जायेगा। सिम कार्ड एवं इण्टरनेट की सुविधा (माह नवम्बर, 2023से मार्चे, 2024 तक) हेतु कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से 01 टेबलेट हेत् अधिकतम रू० 1500 – तथा 2 टेबलेट हैतु अधिकतिम रू० 3000 मत्र के व्यय की अनुमति प्रदान की जा रही है, जिसकीसमायोजन विद्यालयं को प्राप्त होने वाली कम्पेोजिट स्कूल ग्राण्ट से यथा समय किैया जायेगा। सिम।का क्रय स्थानीय स्तर पर मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी की उपलब्धता के दृष्टिगत किया जायेगा।समस्त परिषदीय विद्यालयों के प्रत्येक कक्षा-कक्ष में मानकानुरूप एवं गुणवत्तायुक्त व्हाइट/ग्रानबोर्ड की उपलबता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाये।
- हैण्ड पम्प/सबमर्सिबल पम्प के पास पक्का प्लेटफार्म एवं सोख्ता- गड़ढा का निर्माण अनिवार्ये रूपसे कराया जायेगा, ताकि हैण्डपम्प के आस-पास जल भराव न हो सके तथा साफ-सफाई रहे।रसोंईघर में भोजन तैयार किये जाने एवं रसोंईघर तथा बर्तनों की साफ-सफाई हेतु जल आपूर्ति एवजल निकासी की समूचित व्यवस्था करायी जायेगी।
अन्य आवश्यक कार्य -
- फस्ट्ट-एड-बॉक्स हेतु कररय की गयी सामग्री / दवाईयों की समाप्ति तिथि (expiry date)का अवश्य मिलान करा लिया जाये तथा expired दवायें नष्ट कर दी जायें एवंआवश्यकतानुसार सामग्री क्रय किया जायेगा।
- विद्यालय में उपलब्ध अग्नि शमन यंत्र की समय से रिफिलिंग सुनिश्चित की जायेगी।
- विद्यालय के अक्रियाशील विद्युत उपकरण यथा – एल०ई०डी०, द्यूबलाइट, पंखें, स्विचआदि को ठीक करने अथवा उसके बदलने का कार्य कराया जायेगा।
- छात्र उपस्थिति पंजिका, शिक्षक उपस्थिति पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका, स्टॉक बुक,पुस्तकालय स्टॉक बुक, अन्य रजिस्टर, वर्ष पर्यन्त आवश्यकतानुसार चॉक एवं डस्टर काक्रय किया जायेगा।
- उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिये इस अनुदान राशि से प्रयोगशालाओं और कम्प्यूटर शिक्षाविषयक आवश्यक कन्ज्यमेबल सामग्री तथा इण्टरनेट पर भी व्यय किया जा सकता है।
- यदि विद्यालय की रंगाई-पुताई गत’ वर्ष में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से अथवा आपरेशनकायाकल्प के अन्तर्गत नहीं कराई गयी है तो वर्षा ऋतु के उपरान्त विद्यालयों कीरंगाई-पुताई, दरवाजे, खिड़कियों, ग्रिल, चहारदीवारी, गेट के पेन्ट एवं वॉल-पेन्टिंग काकार्य भी आवश्यकतानुसार कराया जायेगा। प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों मेंएकरूपता लाये जाने के लिये आवश्यक है कि भवन बाहर से अनिवार्य रूप से सफेद रंग मेंपुतवाया जायेगा।
- कक्षा-कक्षों का टाइलीकरण- ऐसे विद्यालय जिसमें सभी कक्षा-कक्ष की फर्शटूटी-फूटी/ क्षतिग्रस्त है और वहाँ रू० 75000/- या उससे अधिक कम्पोजिट स्कूलग्राण्ट की धनराशि प्राप्त हो रही है वहाँ, प्रथम वरीयता एवं द्वितीय वरीयता के कार्य एवंअन्य आवश्यक कार्यों यथा-सहायक शिक्षण सामग्री, प्राथमिक उपचार सामग्री, अग्निशमकयंत्र की रीफिलिंग, यथावश्यक पेंटिंग कार्य, अक्रियाशील उपकरणों को ठीककराना/बदलवाना आदि कार्यों को कराने के बाद यदि पर्याप्त धनराशि अवशेष बचती है,तो उपलब्ध धनराशि के अनुरूप कक्षा-कक्षों के टाइलीकरण का कार्य विधालय प्रबन्धसमिति से अनुमोदनोपरान्त कराया जायेगा।
स्मार्ट क्लास सुरक्षा एवं एख-एखाव सम्बन्धी निर्देश–
- विद्यालय के गेट और कक्षों के समस्त दरवाजों पर सामान्य ताला के स्थान पर डबलइटरलीकिंग की व्यवस्था की जाये। साथ ही जिस कक्षा-कक्ष में स्मार्ट क्लास के उपकरणहों, उसकी खिड़कियों पर लोहे की सुरक्षित ग्रिलपर्याप्त मात्रा में सुरक्षित कुन्डी कीव्यवस्था की जाये।
- जिस कक्ष में अवस्थापना सविधा का अधिस्थापन किया जाना है, वहाँ के दरवाजे लोहे केहोंगें
- स्मार्ट क्लास की सुरक्षा एवं रख-रखाव सम्बन्धी अपरिहार्य कार्य कराये जा सकेंगे।
- सम्पर्क फाउण्डेशन के स्मार्ट ब्लॉक इनिशिएटव कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदत्त ऑडियो उपकरण की बैटरी की आवश्यकतानूसार maintenance का कार्य (जनपद गोरखपुर एव वाराणसी)।
इसके अतिरिक्त विद्यालय की आवश्यकतानुसार अन्य कार्य भी विद्यालय प्रबंध समिति सेअनुमोदनोपरान्त कराये जा सकंगें।
सामान्य निर्देशः-
यदि गत् वर्ष की कोई धनराशि शेष हो तो उसे वर्तमान वर्ष की धनराशि के साथ सम्मिलित करसंयुक्त कार्योजना बनाकर विद्यालय प्रबन्ध समिति के अनुमोदन से कार्य कराया जा सकेगा।
विद्यालय की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार ही वित्तीय नियमों का पालन करते हुए अच्छीगुणवत्ता की सामग्री क्रय की जानी है। यदि कोई कार्य अन्य योजना / मद के अन्तर्गत पूर्व मेंकराया जा चुका है अरथवा अन्य योजनान्तर्गत कार्ययोजना में अनुमोदित है, तो पुनः कम्पोजिट स्कूलग्राण्ट का उपयोग ऐसे कार्य के लिये न किया जाय। जो सामग्री गत वर्ष / पूर्व में क्रय की जाचुकी हो उसको क्रय सूची में अनावश्यक रूप से शामिल नहीं होना चाहिए। यह विशेष ध्यान रखाजाये कि एक ही कार्य के लिये दो मदों से धनराशि कदापि आहरित न हो। इस प्रकार के तथ्यप्रकाश में आने पर इसे गबन की श्रेणी में मानते हुये कार्यवाही की जायेगी।
विद्यालय प्रबन्ध समितियों द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न सामग्रियों की क्रयप्रक्रिया में निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा-
- शासन द्वारा समय-समय पर निर्गत क्रय प्रक्रिया सम्बन्धी शासनादेशों, नियमावलियों एवंनिर्देशों का अनुपालन।
- स्टोर पर्चेज रूल्स में दिये गये आदेश एवं निर्देशों का अनुपालन।
उक्त बिन्दु सं० 1 एवं 2 में दिये गये निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार कोटेशन/निविदा प्रक्रियाका अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से क्रय की जाने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता के सम्बन्ध मेंनिम्नलिखित निर्देशों का अनुपालन अनिवार्यतः सुनिश्चित कराया जायेगा-
- सामग्री क्रय में निर्धारित मानक एवं स्पेसीफिकेशन का पालन किया जायेगा।
- क्रय की जाने वाली सामग्री प्रमुखतया भारतीय मानक ब्यूरो(BSI) प्रमाणित हो तथायथासम्भव जी०एस०टी० पंजीकृत फर्म से ही क्रय करने की कार्यवाही की जायेगी।
- जो सामग्री BSI द्वारा प्रमाणित न हो वह मूल निर्माता/ उत्पादक अथवा अधिकृत विक्रेता सेही क्रय की जायेगी।
कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि विद्यालय के खातो में हस्तान्तरण के बाद प्रत्येक विकास्तर पर बैठक आयोजित की जाये, जिसमें खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा सहायरलेखाधिकारी द्वारा समस्त प्रधानाध्यापकों / इंचार्ज अध्यापकों को कम्पोजिट स्कूल ‘ण 6/10अवमृक्त धनराशि, विभागीय निर्देश, क्रय की प्रक्रिया इत्यादि के साथ- साथ धनराशि की विधिवत् जानकारी दी जायेगी ।
कम्पाजिट स्कूल ग्राण्ट से क्रय की गयी सामणी हेत 02 प्रकार के स्टॉक रजिस्टर बनाय जाय,1- उपभोज्य (consumable) सामग्री, जैसे- फिनायल, साबुन , मिष्ठान, हेत् 2-उपभोज्य न होनेवाली (non-consumable) सामग्री , जैसे- आलमारी, रजिस्टर, श्यामपट जैसी स्थायी प्रकृति की सामग्री, की प्रविष्टि हेतु।
कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट में धनराशि का उपभोग के लिये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक पूणतःउत्तरदायी होंगे।
अनुश्रवण, पर्यवेक्षण एवं सत्यापन-
- कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट मद में अवमुक्त धनराशि का निर्धारित प्रारूप पर उपभोग प्रमाण-पत्रप्रधानाचार्य एवं अध्यक्ष, विद्यालय प्रबन्ध समिति के संयुक्त हस्ताक्षर से प्राप्त कर ब्लॉक स्तर पंरसंरक्षित रखा जायेगा एवं प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट Data Capture farmat (DCF) पर विद्यालयवार, मदवार त्रटिरहित सूचना सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारीद्वारा अपलोड की जायेगी। [How to Spend Composite Grant]
- खण्ड शिक्षा अधिकारी अपने विकास खण्ड में रैण्डम आधार पर 20% विद्यालयों में सामग्री क्रयकी प्रक्रिया, उसकी गुणवत्ता तथा अभिलेखों के रख-रखाव के सम्बन्ध में स्वयं जांच केंगे औरनिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए आख्या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजेंगे।सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी प्रत्येक माह कम से कम 05 शिक्षण दिवस में सम्बन्धित खण्डशिक्षा अधिकारी के साथ अलग-अलग विकास खण्ड अलग-अलग विद्यालयों का पर्यवेक्षणकरेंगे तथा संयुक्त निरीक्षण आख्या के साथ वित्तीय व्यवहार में पायी गयी कमियों का उल्लेखकरते हुए भविष्य में विद्यालय स्तर पर युक्तियुक्त वित्तीय व्यवहार करने की अनुशंसा को जिलाबेसिक शिक्षा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का दायित्व होगा कि वे सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी तथाखण्ड शिक्षा अधिकारी के ऐसे पर्यवेक्षण का अनुश्रवण करें तथा उनके द्वारा दिये गये यरथेष्टसुझावों को प्रत्येक विद्यालय स्तर तक अनुपालन हेतु प्रभावी कदम उठायें।
- विद्यालय निरीक्षण के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा मण्डलीय सहायक शिक्षानिदेशकबैसिक) विद्यालय में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट के उपभोग के सम्बन्ध में क्रय प्रणालीप्रक्रिया, सामग्री की गुणवत्ता तथा अभिलेखों के रख-रखाव व अनुदान के उपभोग मेंअनि्यमितता पाये जाने पर दोषी प्रधानाध्यापक / विद्यालय प्रबन्ध समिति के विरुद्ध कार्यवाहीसुनिश्चित करेंगे ।
- उक्त के सम्बन्ध में क्रय की प्रक्रिया में पारदर्शिता, सामग्री की गुणवत्ता तथा अभिलेखों कासमुचित रख-रखाव सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी एवं अध्यक्ष, जिला शिक्षा परियोजना समिति स्तरसे अनुमोदन प्राप्त कर जिला स्तर के अधिकारी अथवा तहसील ब्लॉक स्तर के अधिकारी की दोसदस्यीय समिति गठित कर ली जाये एवं रेण्डम आघार पर चिन्हित करते हुए प्रति विकास खण्ड 20-20 विद्यालयों की जांच करा ली जाये। सत्यापन टीम द्वारा कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि केउपमोग, विद्यालयों में कराये गये कार्यों एवं क्रय- प्रक्रिया, सामग्रियों की गुणवत्ता तथा अभिलेखों केरख-रखाव की जांच की जायेगी। [How to Spend Composite Grant]
- जांच दल द्वारा उपलब्ध करायी गयी जांच / मूल्यौंकन रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को भीप्रेषित की जायेगी, ऐसे निरीक्षण में ‘समग्र शिक्षा’ के तहत् विद्यालयवार क्रय / उपभोग किये गये अन्यमदों / उपयोजनाओं का भी पर्यवेक्षण किया जाना अपेक्षित होगा। सत्यापन के दौरान किसी भी प्रकारकी अनियमितता तथा गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी / कर्मचारी का उत्तरदायित्वनिर्घारित करते हुए नियमानुसार सक्षम स्तर से कार्यवाही की जाये। कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशिका उपमोग करने के उपरान्त विद्यालयों से निर्धारित प्रारूप पर उपभोग प्रमाण- पत्र प्राप्त किया जायेगा।
प्र. कंपोजिट ग्रांट क्या होता है
उत्तर- स्कूलों में एक सत्र में स्कूल के विकास के लिए आने वाला धनराशि कंपोजिट ग्रांट कहलाती है
प्र. स्वच्छता पर कंपोजिट ग्रांट से कितना खर्च किया जा सकता है
उत्तर- कंपोजिट से स्वच्छता पर 10% खर्च किया जा सकता है
प्र. स्कूल कंपोजिट ग्रांट से क्या मरम्मत करवा सकते हैं
उत्तर- स्कूल कंपोजिट ग्रांट से छोटी-मोटी मरम्मत करवाई जा सकती है
प्र. स्कूल कंपोजिट कारण से क्या स्कूल की रंगाई पुताई करवाई जा सकती है
उत्तर- बिल्कुल , करवाई जा सकती है
प्र.कंपोजिट ग्रांट में किस-किस का सम्मिलित खाता होता है
उत्तर- कंपोजिट ग्रांट में प्रधानाध्यापक और स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष का सम्मिलित खाता होता है
प्र. स्कूल कंपोजिट ग्रांट का व्यय अब किस माध्यम से होता है
उत्तर- PFMS पोर्टल के माध्यम से होता है
प्र. कंपोजिट ग्रांट का पैसा किस तरीके से खत्म किया जा सकता है
उत्तर- pfms पोर्टल पर वेंडर बनाकर उनके नाम पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है
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