उत्तर प्रदेश में परिषदीय महिला शिक्षकों को गर्भपात (Miscarriage) या गर्भस्राव (Abortion) के मामले में देय अवकाश के संबंध में नियम इस प्रकार हैं:-
अवकाश की अवधि: गर्भपात या गर्भस्राव के मामलों में, प्रत्येक अवसर पर छः सप्ताह (42 दिन) तक का अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
1- जीवित बच्चों की संख्या का प्रतिबंध नहीं: महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रकार का अवकाश स्वीकृत करते समय संबंधित महिला सरकारी सेवक के जीवित बच्चों की संख्या का ध्यान नहीं रखा जाता है। इसका मतलब है कि चाहे महिला के पहले से कितने भी जीवित बच्चे हों, गर्भपात या गर्भस्राव होने पर उसे यह अवकाश मिलेगा।
2- चिकित्सा प्रमाण पत्र अनिवार्य: इस अवकाश के लिए आवेदन पत्र के साथ एक प्राधिकृत चिकित्सक का प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है, जो गर्भपात/गर्भस्राव की पुष्टि करता हो।
सारांश में: परिषदीय महिला शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में गर्भपात अवकाश कितनी भी बार देय है, बशर्ते प्रत्येक अवसर पर प्राधिकृत चिकित्सक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए और अवकाश की अवधि प्रत्येक अवसर पर छः सप्ताह से अधिक न हो। इस पर जीवित बच्चों की संख्या का कोई प्रतिबंध नहीं है।
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