RTE-2009 शिक्षा का अधिकार
Right to Education Act 2009
मुख्य बिंदु | Main Points
- 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा।
- RTE विधेयक 2009 में लाया गया।
- RTE 2010 अप्रैल से सम्पूर्ण देश में लागू हुआ।
- 86 वाँ संविधान संसोधन, अनुच्छेद 21A और भाग उ[1]
- RTE में प्राथमिक कक्षाओं में छात्र-शिक्षक अनुपात = 30:1[1]
- RTE के तहत न्यूनतम कार्य घंटे एक सप्ताह में = 45 घण्टे[1]
- प्राथमिक स्तर पर न्यूनतम शैक्षणिक घंटे / कार्य दिवस = 400 घंटे / 200 दिन[1]
- प्राइवेट स्कूल में सीट रिजर्वेशन (गरीब बच्चों के लिये) = 25%[1]
- राज्य सभा में पारित हुआ: 20 जुलाई 2009[1]
- लोक सभा में पारित हुआ: 4 अगस्त 2009[1]
- SMC (School management Committee) का अध्यक्ष: अभिवावक (16 सदस्य)[1]
- धारा 17: शारीरिक दंड तथा प्रताड़ित करना निषेध है[1]
- धारा 28: शिक्षक Private Tuition नहीं पढ़ा सकता है[1]
- Official Name: The Right of children to free and compulsary Education act 2009[1]
धाराएँ | Sections:
- धारा 1-6: विनिर्माण / संक्षिप्त नाम / परिभाषायें[1]
- धारा 8: स्थानान्तरण का अधिकार; वित्तीय भागेदारी केंद्र:राज्य 65:35[1]
- धारा 12: गैर सरकारी विद्यालयों में 25% सीटें आरक्षित[1]
- धारा 14-16: प्रवेश बाधाएं, प्रवेश तिथि, कक्षा न रोकी जाए[1]
- धारा 18-19: सिर्फ मान्यता प्राप्त विद्यालय, विहिन मानक का रद्द प्रावधान[1]
- धारा 21: विद्यालय प्रबंधन समिति में 50% महिलाएं[1]
- धारा 23: शिक्षक की न्यूनतम योग्यता (नहीं है तो 5 वर्ष में अर्जित)[1]
- धारा 25: शिक्षक-छात्र अनुपात 6 माह में पूर्ण[1]
- धारा 26: कुल स्वीकृत पदों का 10% से अधिक खाली नहीं रह सकता[1]
- धारा 27: शिक्षण के अलावा जनगणना/निर्वाचन/राहत कार्य[1]
- धारा 29-30: पाठ्यक्रम अधिकारी के दायित्व, बोर्ड परीक्षा नहीं[1]
- धारा 38: सरकार को नियमों में परिवर्तन की शक्ति[1]
नोट: एक शिक्षक दो विद्यालय में नहीं पढ़ा सकता, यूनिफार्म व किताबों का शुल्क नहीं.[1]
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