'उल्लास–नव भारत साक्षरता कार्यक्रम' में 15+ असाक्षरों की नई सर्वे प्रक्रिया शुरू, शिक्षकों के स्थान पर अब शिक्षामित्र करेंगे घर–घर चिन्हांकन
लखनऊ: स्कूल शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार 'उल्लास–नव भारत साक्षरता कार्यक्रम' के तहत 15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षरों की पहचान और सर्वे का कार्य अब परिविद्यालय (पारंपरिक स्कूल) के बजाय शिक्षामित्रों द्वारा किया जाएगा।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा मोनिका रानी की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि पहले असाक्षरों और वालंटियरों का सर्वे स्कूलों के अध्यापकों के माध्यम से कराया जा रहा था, लेकिन अब यह सर्वे शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी होगा।
इसके लिए शिक्षामित्रों को अपने परिचित विद्यालयों के माध्यम से कार्य करना होगा और प्रधानाध्यापक इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। निर्देशानुसार वर्ष 2025–26 के लिए 15+ आयु वर्ग के असाक्षरों और वालंटियरों का चिन्हांकन करते हुए संबंधित ग्राम पंचायतों में घर–घर सर्वे सुनिश्चित कराना अनिवार्य किया गया है।
विभाग ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने और शिक्षामित्रों की रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। पत्र की प्रतिलिपि उच्च अधिकारियों को भी भेजी गई है ताकि कार्यक्रम को सुचारू रूप से लागू किया जा सके।
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